उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे। उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे।
यह सुन हाथी बोला कि मुझे सबक मिल चुका है। मुझे अच्छी सीख दी तुमने। अब हम सब मिलकर रहेंग यह सुन हाथी बोला कि मुझे सबक मिल चुका है। मुझे अच्छी सीख दी तुमने। अब हम सब मिलक...
लेखक: अलेक्सांद्र रास्किन ; अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: अलेक्सांद्र रास्किन ; अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
लेखक- अलेक्सांद्र रास्किन ; अनुवाद - आ. चारुमति रामदास लेखक- अलेक्सांद्र रास्किन ; अनुवाद - आ. चारुमति रामदास
गुड़िया को आपरेशन थिएटर ले जाया गया और आपरेशन शुरू कर दिया... गुड़िया को आपरेशन थिएटर ले जाया गया और आपरेशन शुरू कर दिया...